बेटी की फरियाद (11.10.2020)
बेटी दिवस मनाने वालों
इस बेटी की आवाज तो सुनो।
क्या चाहे यह बेटी तुमसे
बेटी की फरियाद तो सुनो।
यह बेटी चाहे दुनिया में आना
तुम पर अपना प्यार लुटाना।
भ्रूण में पर यह मारी जाती
इस दुनिया को देख ना पाती।
बंद करो यह निर्मम हत्या
बेटियों से ही तो आगे बढ़ती है दुनिया।
अगर दुनिया में जड़ ही ना रहेगी
तो कैसे तुम्हारी वंशबेल बढ़ेगी?
बेटी भी पढ़ना लिखना चाहे
डॉक्टर, बैरिस्टर बनना चाहे।
पर कैसे घर से बाहर जाए
वहशी निगाहें उसे सताए।
लड़कों को अपने दो संस्कार
गलत बातों का करें प्रतिकार।
सीटियों, फब्तियों को त्याग करके
बहनों के समान करें सत्कार।
पिता का सहारा मैं बनना चाहूं
उनका मान बढ़ाना चाहूं।
इन कुंठित दरिंदों पर अंकुश तो लगाओ
कैसे इनसे मैं जान बचाऊं???
पीड़िता का दर्द ना कोई समझता
वोट बैंक बना कर यूज़ बस करता।
मीडिया हो, पुलिस हो या हो कोर्ट
सरेआम पीड़िता का रेप है करता।
कानून को सशक्त क्यों ना बनाते
क्यों बार-बार लाचारी दिखाते।
दुष्कर्म करे जो किसी की बेटी से
क्यों ना चौराहे पर फांसी चढ़ाते।
भ्रूण हत्या, दुष्कर्म से जो बच जाती
पढ़ लिख कर नए ख्वाब सजाती।
पिया के घर है जब वह जाती
दहेज का शिकार है वह बन जाती
इस जालिम समाज को समझाओ
बेटी ही दहेज है यह सिखलाओ।
पैसे से बेटी को कभी ना तोलें
सुखी रहे बेटी तो किस्मत खोले।
बेटी की आवाज अब सब बन जाओ
जग में उसको सम्मान दिलाओ।
शिक्षा, सुरक्षा, स्नेह दिलाकर
बेटी का भविष्य उज्ज्वल बनाओ।
रचयिता-:
रीता गुप्ता (स०अ०)
माॅडल प्राइमरी स्कूल बेहट नं-1 ब्लॉक-साढौली कदीम
जनपद-सहारनपुर