*'हां, में दिया जलाऊँगी'*
(०५-०४-२०२०)
हां, मैं दिया जलाऊँगी,
आज मैं दिया जलाऊँगी।
कोरोना को जड़ से मिटाने की खातिर,
स्थिर जीवन को चलाने की खातिर,
निराश मन को जगमगाने की खातिर,
आशा के भाव जगाने की खातिर।।
हां, मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जलाऊंगी।
स्वदेश प्रेम व मान की खातिर,
मोदी जी के आवाह्न की खातिर,
नर्सों व डॉक्टरों के सम्मान की खातिर,
सीमा पर डटे जवान की खातिर।।
हां, मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जल आऊंगी।
संक्रमण से बचाती पुलिस की खातिर,
भूखों का पेट भरते सेवादारों की खातिर,
ड्यूटी निभाते हर कर्मचारी की खातिर,
अपमान का घूंट सहते हर रक्षक की खातिर।।
हां, मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जल आऊंगी।
बिखरती एकता को जोड़ने की खातिर,
टूटते विश्वास की पुनः स्थापना की खातिर,
प्रेम की धारा बहाने की खातिर,
भारत है महान दिखलाने की खातिर।।
हां मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जलाऊंगी।।
रचयिता
रीता गुप्ता (स०अ०)
मा०प्रा०वि०बेहट नं० १
जनपद-सहारनपुर
(०५-०४-२०२०)
हां, मैं दिया जलाऊँगी,
आज मैं दिया जलाऊँगी।
कोरोना को जड़ से मिटाने की खातिर,
स्थिर जीवन को चलाने की खातिर,
निराश मन को जगमगाने की खातिर,
आशा के भाव जगाने की खातिर।।
हां, मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जलाऊंगी।
स्वदेश प्रेम व मान की खातिर,
मोदी जी के आवाह्न की खातिर,
नर्सों व डॉक्टरों के सम्मान की खातिर,
सीमा पर डटे जवान की खातिर।।
हां, मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जल आऊंगी।
संक्रमण से बचाती पुलिस की खातिर,
भूखों का पेट भरते सेवादारों की खातिर,
ड्यूटी निभाते हर कर्मचारी की खातिर,
अपमान का घूंट सहते हर रक्षक की खातिर।।
हां, मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जल आऊंगी।
बिखरती एकता को जोड़ने की खातिर,
टूटते विश्वास की पुनः स्थापना की खातिर,
प्रेम की धारा बहाने की खातिर,
भारत है महान दिखलाने की खातिर।।
हां मैं दिया जलाऊंगी,
आज मैं दिया जलाऊंगी।।
रचयिता
रीता गुप्ता (स०अ०)
मा०प्रा०वि०बेहट नं० १
जनपद-सहारनपुर
अति उत्तम कविता दीदी जी👌👌👌👌😊
ReplyDeleteआभार भाई
DeleteSuperb Mam
Deleteदीदी आप कमाल हो, पल भर में क्या क्या लिख जाती है।
ReplyDeleteपढ़ने वाले कि आँख भी खुल जाती है।
अहसास होता है पढ़ते पढ़ते ,ओर बात रूह में उतर जाती है
आभार भाई
DeleteBilkul theek kha aapne
Delete👏👏👏
Bilkul theek kha aapne
Delete👏👏👏
सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत बेहतरीन
ReplyDeleteदेशहित में सकारात्मक आहुति
Wah Didi bahut badhiya
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर एवं बेहतरीन कविता रीता जी ��������������������
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDelete