Friday, 18 October 2019

एहसास...

एहसास....
एक अद्धभुत रोमांच......

मन ही मन जी उठना है एहसास
खुद में ही मर जाना है एहसास

निरतंर आगे बढ़ने का एहसास
जीवन के ठहर जाने का एहसास

देखकर किसी को प्रेम का एहसास
खुद की असफलता पर पछतावे का एहसास

 भोले बालक को देख स्नेह का एहसास
भेद फैलाते लोगों को देख, नफरत का एहसास

खिले फूलों को देख, गुदगुदाता सा एहसास
सुगन्धित समीर में महकता हुआ एहसास

अकेली अँधेरी रात में डरता सा एहसास
पिया के आलिंगन में निखरता सा एहसास

ड्यूटी के समय कर्त्तव्य पालन का एहसास
छिनते अधिकारों को देख विद्रोही सा एहसास

माँ को देख बचपने का एहसास
बच्चों को देख ममतामयी एहसास

वर्तमान में रहकर भूत में जीने का एहसास
वर्तमान में रह भविष्य को पाने का एहसास

जो नही मिला, उसे पाने का एहसास
जो मिल गया उसे गंवाने का एहसास

ख़ुशी के पलों में गम का एहसास
सुरक्षित क्षणों में असुरक्षा का एहसास

साथ रहते हुए भी बिछड़ने का एहसास
बिछड़े हुओं से पुनः मिलन का एहसास

बिना परिश्रम के धन पर दर्प का एहसास
 हर मिलती उपलब्धि पर गर्व का एहसास

एहसास ही जीवन है
एहसास ही मरण है
एहसास ही ख़ुशी है
एहसास ही रूदन है
एहसास ही उपलब्धि है
एहसास ही वंचन है
एहसास ही दोस्त है
एहसास ही दुश्मन है

सिर्फ एहसास ही दुनिया के रंगमंच का कारण है......

11 comments:

  1. अहसास ही जीवन हें ..सुन्दर रचना रीता जी 👌👌🌹🌹🌹💐💐💐

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  2. 👌👌👌👌👌👌👌

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  3. बहुत बेहतरीन

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  4. Waahh..behad khubsoorat 💐💐

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  5. Beautiful poetry mam...All time commandable

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  6. Lovely composition. Pyara ehsaas...

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  7. एहसास वो हो जो जिंदगी भर का हो

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