Sunday, 6 October 2019

बिटिया सारे जहान की है.....

*बिटिया सारे जहान की है*

बिखराने को खुशियां इस धरा पर
उतरी देवियां आसमान की हैं
ना तेरी हैं, ना मेरी है
ये तो बिटिया सारे जहान की हैं।

बढ़ाती वंश, चलाती घर को
अपनी हंसी से सजाती घर को
ना हिन्दू हैं, ना मुस्लिम हैं
ये तो बेटी हर इंसान की हैं।

सम्मान यही दिलातीं घर को
दुनिया में पहचान दिलातीं घर को
ना अमीर हैं, ना हैं गरीब
ये तो दौलत सारे जहान की हैं।

सभ्यता भारत की दिखलातीं सबको
संस्कृति से अपनी हर्षाती जग को
ना गोरी हैं, ना काली हैं
ये तो खूबसूरती हिंदुस्तान की हैं।

ससुराल जाती, नया जहाँ बसाती
माँ-बाप को फिर भी भूल ना पाती
ना घर की हैं, ना मायके की हैं
ये तो इज्जत सारे खानदान की हैं।

पिया की ख़ुशी को, खुद के कष्ट छिपाती
आंसुओं को पी जाती, मुस्कान हमेशा बिखराती
ना घबराती है, ना पीठ दिखाती है
ये तो हिम्मत अपने सत्यवान की है।

इसकी इज्जत से ना खिलवाड़ करो
ना एसिड डालो, ना बलात्कार करो
ना फब्तियां हो, ना गालियां हो
ये तो मूरत दिल से सम्मान की है।

ना रुका अगर ये अत्याचार
नारी खुद करेगी फिर प्रतिकार
ना अबला है, ना दुर्बल है
ये तो शक्ति खुद भगवान् की है।
   *रीता गुप्ता*

4 comments:

  1. *बिटिया सारे जहां की हें...सुन्दर रचना* 👌🏻👌🏻👍🏻👍🏻👍🏻🌹🌹🌹💐💐💐

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  2. Wonderful ����������������

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