:नादान जिंदगी:
ऐ नादान जिंदगी
जरा चैन तो ले ले
अभी तो मैं खुलकर हंसी भी नहीं हूँ
सर पे रहा है बोझ जिम्मेदारियों का
अभी तो ठीक से मुक्त भी नही हुई हूँ
क्या सखियां, क्या सिनेमा, क्या मेले-ठेले
मैं तो अपनी दुनिया की ईंटे सजाती रही हूँ
क्या सुंदर पोशाकें, क्या सुन्दर गहने
मैं तो अभी अपना आईना बनाने में लगी हूँ
ना चाहूँ दुनिया के महलों के सुख
मैं तो दुखियारों की झोपड़ी सजाने चली हूँ
पैसे से कब सुख मिला है किसी को
मैं तो बच्चों के संग हंसने-खिलखिलाने चली हूँ
चार धाम करके भी कब मिला है भगवान
इंसानों के आँसू पोंछ, मैं भगवान् को पाने चली हूँ
तू तो रोके नही रूकती, हरदम भागती है
मैं तो खुद को खोकर तुझे पाने चली हूँ
मरना तो अंतिम सत्य है इस दुनिया का
मरने से पहले मैं अपने निशान, धरा पे बनाने चली हूँ
ऐ नादान जिंदगी
जरा चैन तो ले ले
अभी तो मैं खुलकर हंसी भी नहीं हूँ
सर पे रहा है बोझ जिम्मेदारियों का
अभी तो ठीक से मुक्त भी नही हुई हूँ
क्या सखियां, क्या सिनेमा, क्या मेले-ठेले
मैं तो अपनी दुनिया की ईंटे सजाती रही हूँ
क्या सुंदर पोशाकें, क्या सुन्दर गहने
मैं तो अभी अपना आईना बनाने में लगी हूँ
ना चाहूँ दुनिया के महलों के सुख
मैं तो दुखियारों की झोपड़ी सजाने चली हूँ
पैसे से कब सुख मिला है किसी को
मैं तो बच्चों के संग हंसने-खिलखिलाने चली हूँ
चार धाम करके भी कब मिला है भगवान
इंसानों के आँसू पोंछ, मैं भगवान् को पाने चली हूँ
तू तो रोके नही रूकती, हरदम भागती है
मैं तो खुद को खोकर तुझे पाने चली हूँ
मरना तो अंतिम सत्य है इस दुनिया का
मरने से पहले मैं अपने निशान, धरा पे बनाने चली हूँ
क्या बात,, क्या बात,, क्या बात,, बहन
ReplyDeleteNice Ma'am
ReplyDeleteVery beautiful
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, भावपूर्ण।
ReplyDeleteसतीश चन्द्र'कौशिक"
Kya baat h mam very nice
ReplyDeleteबहुत खूब जी
ReplyDeleteबहुत ख़ूब वाह
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteBahoot khoob, 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ReplyDeleteVery very heart touching lines..
ReplyDeleteNice lines
DeleteNice lines
DeleteNice lines
DeleteOutstanding.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDelete