:जीवन जीने का ज्ञान:
जीवन की हर शाम
देती है पैगाम
दुःख हो या सुख
संयम जरूरी है।
आकाश से गिरती बूंदे
देती है सन्देश
गुरुर में ऊपर चढ़ो चाहे जितना
आकर मिलना मिट्टी में ही है।
घनघोर घिरता अँधेरा
घिर-घिर के बताता है
मुसीबत में पड़ने पर
साया भी छोड़ जाता है।
हर जाती हुई अर्थी
हमको ये बताती है
जिंदगी है बस नाच-कूद
हम सब इसमें बाराती हैं।
हर खिलता हुआ गुलाब
देता है यही जवाब
जियो बेशक दो दिन
पर जियो बनकर लाजवाब।
राहों में बिछे कांटे
हंसकर हैं समझाते
जीवन में आगे बढ़ने को
मुश्किलें बेहद जरुरी हैं।
आंगन में उगी तुलसी
यही देती है सन्देश
जिसके बनो दिल से बनो
पीड़ा हर लो, मिटा दो क्लेश।
चेत जाओ, आँखे खोलो
सुनो जरा लगाकर ध्यान
धरा पे है चहुँ ओर बिखरा
जीवन को जीने का ज्ञान
जीवन की हर शाम
देती है पैगाम
दुःख हो या सुख
संयम जरूरी है।
आकाश से गिरती बूंदे
देती है सन्देश
गुरुर में ऊपर चढ़ो चाहे जितना
आकर मिलना मिट्टी में ही है।
घनघोर घिरता अँधेरा
घिर-घिर के बताता है
मुसीबत में पड़ने पर
साया भी छोड़ जाता है।
हर जाती हुई अर्थी
हमको ये बताती है
जिंदगी है बस नाच-कूद
हम सब इसमें बाराती हैं।
हर खिलता हुआ गुलाब
देता है यही जवाब
जियो बेशक दो दिन
पर जियो बनकर लाजवाब।
राहों में बिछे कांटे
हंसकर हैं समझाते
जीवन में आगे बढ़ने को
मुश्किलें बेहद जरुरी हैं।
आंगन में उगी तुलसी
यही देती है सन्देश
जिसके बनो दिल से बनो
पीड़ा हर लो, मिटा दो क्लेश।
चेत जाओ, आँखे खोलो
सुनो जरा लगाकर ध्यान
धरा पे है चहुँ ओर बिखरा
जीवन को जीने का ज्ञान
बहुत ही सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार प्रदीप भाई💐💐
Deleteवाकई में बहुत सुंदर रचना की है
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाईसाहब💐💐
DeleteVery nice...
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका💐💐
DeleteBahut sunder
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका💐💐
DeleteVery nice 💐💐💐
ReplyDeleteThankyou Priti💐💐
DeleteVery nice poem,
DeleteBeautiful and ultimate truth
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका💐💐
Deleteहार्दिक आभार आपका
ReplyDeleteBahutsunder
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका💐💐
ReplyDeleteसुन्दरतम्।सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteसतीश चन्द्र"कौशिक"